1.चलो मैं आज फ़िर आगाज़ करती हूं,
मेरी बेकरारी ,तेरी बेरुखी के नाम करती हूं।💔
2. बड़ी तिशनागी थी तुम्हें हबीब बनाने की,
पर हमें क्या पता था………………..………….….. तुम्हें आदत थी हर किसी को चाहने की।
3. इश्क़ अश्कों से बह ही गया ,
जब तू मेरे हबीब से मेरा रकीब बन गया।
4. खुशनसीब इतना तो नहीं के तू करे इंतज़ार मेरा,
पर बदनसीब इतनी मैं भी नहीं के तू ना करे दीदार मेरा।💓💓💕💕💕
सुन्दर
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धन्यवाद
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Wah kya baat. Ate hi dhamaka
Wese bahut miss kya
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Thanks for compliment …kuch dino se busy the
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अछा जी
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Hnji
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अच्छा जी
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बहुत दिनों बाद एक बढ़िया रचना के साथ। बहुत बढ़िया।👌👌
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जी धन्यवाद बस कोशिश की है आपसे प्रेरणा मिलती रहे बस।
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स्वागत आपका।
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☺️☺️
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इश्क़ अश्कों से बह ही गया ,
जब तू मेरे हबीब से मेरा रकीब बन गया।
👌👌👌
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शुक्रिया ☺️☺️
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हबीब, रकीब और कातिल इश्क़ का जहर लिए घूमते है । बहुत अच्छा लिखा है । आज होली है तुम्हे ढ़ेरो बधाई ।
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शुक्रिया ….or apko bhi happy holi
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Happy holi dear
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Same to you …🥰🥰🥰🥰
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अरे वाह👌
बड़े दिनो बाद …कैसन है RAS की तैयारी
जीतीयेगा जरूर दोस्त ☺✨
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Ji bilkul koshish to yehi rhegi☺️☺️
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Praying for all my friends and arch enemies☺
Aap sab apne sapne poore karo ❤
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Thanks a lot dear for your kind wishes 💓😊😊
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सुपर।
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Bahut khoob…
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